वस्त्र आभूषण हैं सब श्वेत तुम्हारे श्वेताम्बरधरा माँ गौरी कहलायी
आठ वर्ष की आयु तुम्हारी,शंख, चन्द्र कुन्द के फूल की उपमा पायी
जो स्त्री तुमको सच्चे मन से पूजे, सुहाग के उसकी रक्षा करतीं
वृषभ वाहन है, भुजायें चार इसीलिए वृषारूढ़ा नाम भी, अपना लयीं
Swapna Sharma
0 Comments:
एक टिप्पणी भेजें