शिव पार्वती

मेरे बाबा की अपरम्पार महिमा, चरणों में फूल सजाऊंगी 
मन मंदिर में अपने मैं बाबा की, भक्ति का दीप जलाऊंगी
शिव भक्ति से नूर है मिलता,जो आता है बाबा के द्वारे
तुम भी शिव सा बनना साथी,मैं पार्वती सी साथ निभाऊंगी

करना तुम भी सम्मान मेरा,तो सिर को मैं भी झुकाउंगी
कभी रूठ मैं तो मना लेना कभी मैं भी तुमको मनाउंगी
शिव शक्ति का जैसे मिलन हुआ एक बंधन बंधे दोनों संग 
तुम भी शिव सा बनना साथी,मैं पार्वती सी साथ निभाऊंगी

नमन है शिव के चरणों में मेरा,शिव भक्ति मन में जगाउंगी
साथ तुम्हारा जो मिल जाये तो,शिव शक्ति मैं कहलाऊंगी
एक डोर संग बंधे है दिल से,ऐसा साथ  मेरे माँ बाबा का 
तुम भी शिव सा बनना साथी,मैं पार्वती सी साथ निभाऊंगी
Swapna sharma

Share

& Comment

0 Comments:

एक टिप्पणी भेजें

 

Copyright © 2015 Kavyagar.com™ is a registered trademark.

Designed by Templateism | Templatelib. Hosted on Blogger Platform.