कहाँ देखूँ


तू मिली है तो मिली ख़ुशी मुझे जन्नत सी, मैं और क्या देखू
हर पल मुस्कुराता फूल सा खिल जाता है,जब ये जहाँ देखू
अफसून सी उतरी है यहां अर्श से,  तू बस मेरे ही लिए......
उन्स है मेरी तमनाओ का बता अब तेरे सिवा और कहां देखू
तू मिली मुझे, मिली जीने की वजह तेरा ही बस समा देखू
तू कहानी मेरी किताब के हर  एक पन्ने की जब जहाँ देखू
नायब सा तोहफा तू मेरे दिल का, जो तसव्वुर में सोचा था
तू हसीन हकीकत है हसरतों की मेरी तुजपे खुद को मैं फ़ना देखू
swapna Sharma 

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