जब जब दिल मेरा पुकारे तब तब तुम आना माँ
आकर के मेरे मन मंदिर में भक्ति ज्योत जगाना माँ
में पुत्र तेरा नादान हूं माता,क्या जानू मैं महिमा तेरी
कष्ट मेरे हरके सारे तुम , मेरी भी नाव तराना माँ
तू दुर्गा तू काली, कात्यायनी तू ही , तू गोरी माना माँ
पर मैं भी तेरा ही पुत्र कहाऊं ,हट तुजसे अजाना माँ
लाख सुने हैं चर्चे तेरे,माँ कितनो का तूने संघार किया
मुझको को भी तू तर कर के,मेरी भी लाज रखाना माँं
जब जब दिल मेरा पुकारे तब तब तुम आना माँ
आकर के मेरे मन मंदिर में भक्ति ज्योत जगाना माँ
माना रूठ गई तू मुझसे , बस और मुझे न सताना माँ
जो तेरा दर भी छूट गया तो जाऊं कहां ये बताना माँ
सब कष्टों को हरने वाली माँ तू ही अम्बे तू ही भवानी
बस तू ही एक मर्ज है मेरा और बस तू ही सहारा मां
जब जब दिल ये मेरा पुकारे तब तब तुम आना माँ
आकर के मेरे मन मंदिर में भक्ति ज्योत जगाना माँ
Swapna Sharma
0 Comments:
एक टिप्पणी भेजें