मेरे भी ख्वाब थे - बालश्रम निरोध दिवस पर हिंदी कविता


मेरे भी ख्वाब थे  - बालश्रम निरोध दिवस पर हिंदी कविता




मेरे भी कई ख्वाब थे 
देखे जो मैंने भी लाज़वाब थे 
क्या मेरे बचपन से मिलवाएगा कोई 
क्या कोई है यहां जो मेरे प्रश्नों के जवाब दे

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